हैलो दोस्तो, आज के इस एपिषोड मे एक ऐसी लड़की की कहानी हैं, जो लोग कहते हैं कि भगवान ने हमे गरीब के घर मे क्यू पैदा किया। यह कहानी उन लड़कियो के लिए हैं, जो कहती हैं, कि हम गरीब घर मे पैदा हुए हैं, और हमारे किस्मत खराब हैं। आज की कहानी उनही लोगो के लिए सीख हैं।
जैसलमर की निराली

निराली जब पैदा हुई तो उसके माँ ने बड़े प्यार से नाम रखा था निराली। लेकिन उसके पिता ने निराली की शक्ल तक नहीं देखी थी, क्यूकी वह एक लड़की थी। उसके पिता जी होटल मे गार्ड का काम करते थे। वह अपना सारा पैसे शराब पीने मे ही उड़ा देता था।
4 साल की निराली

जब निराली 4 साल की थी तो उसके पिता जी गुजर गए थे। होटल वाले ने उसकी माँ को गरीबी की हालत देखते हुए साफ सफाई का काम दे दिया था।
3 किलोमीटर दूर सरकारी स्कूल

निराली 3 किलोमीटर दूर सरकारी स्कूल मे पढ़ने जाती थी। वह सुबह 9 बजे जाती थी और शाम को 5 बजे घर को आती थी। 10वीं क्लास मे उन्होने प्रथम स्थान प्राप्त की। साथ ही साथ माँ के साथ होटल मे भी काम करती थी।
खूबसूरत और चंचल

निराली बहुत ही खूबसूरत और मासूम थी। एक दिन निराली होटल मे काम कर रही तो होटल के मालिक के बेटा निराली के साथ नज़दीकियाँ बढ़ाने लगा। एक दिन मालिक का बेटा विवेक ने चालाकी से अपने फार्म हाउस पर ले गया और और अपनी सारी मर्यादा को पार कर दी।
आपबीती

विवेक ने सब कुछ करने के बाद निराली को अपने घर को छोड़ दिया और कुछ पैसा भी दे दिया। निराली ने अपनी माँ से सब कुछ कहा। उसकी माँ सदमे मे बीमार पड़ गयी। निराली भी अब घर से बाहर नहीं निकलती।
पुलिस स्टेशन

बाद मे वो अपनी दोस्त के साथ पुलिस स्टेशन मे विवेक के खिलाफ कम्पलेन लिखवाई। परतू विवेक के पिता जी ने कम्पलेन को रजिस्टर्ड ही नहीं होने दिया। ये सब कुछ देखकर उसकी माँ भी चल बसी।
गिरफ्तार

अपनी दोस्त के साथ निराली चुपके से दिल्ली चली गयी। वह जाकर उन्होने फिर से कम्पलेन दर्ज कारवाई और विवेक को गिरफ्तार किया गया। और वही पर निराली के दोस्त के पिता जी ने निराली को एक अच्छे स्कूल मे नामकरण करवा दिया।
माँ का सपना

निराली ने अपनी माँ के सपना को पूरा करने के लिए मन लगाकर पढ़ाई की। और साइन्स मे 100 मे से 100 नंबर लायी। 3 महीने बाद निराली भी अपनी दोस्त के साथ अमेरिका चली गयी। अब निराली साइंटिस्ट ग्रुप ऑफ कॉलेज को रिपरजेंट करती हैं।